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कहाँ खो गयी है इंसानियत वो जज्बा कुछ कर दिखाने का .कब तक सिर्फ मौत का नंगा नांच ,कंही ये हमारी ही कोई कमी तो नही.श्याद हम भूल गए है अपने पूर्वजो के दिए आदर्श. तभी तो खिलौनों की जगह हाँथ में संगीने है.विश्व की शांती के लिए फिर दोहराना होगा अहिंसा का पाठ. प्रीति
1 comment:
लोगो ने महात्मा गांधी के रास्ते पर चलना छोड़ दिया है । भले ही दिल में उनके प्रति प्रेम हो । तभी तो लोग अपने आदशो को भूलकर हिंसा के रास्ते पर उतर आये है शुक्रिया
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