Monday, March 9, 2009

holi

सतरंगे फूल सतरंगे गुलाल ,
तो क्यों घोल लिया जीवन में सिर्फ रंग लाल ,
बन इन्द्र धनुष फ़ैल जाओ समस्त सृष्टि में ,\
भूल जाए सभी जीवन में सिर्फ रंग लाल.
होली मंगल मय हो . प्रीती

Wednesday, March 4, 2009

कहाँ खो गयी है इंसानियत वो जज्बा कुछ कर दिखाने का .कब तक सिर्फ मौत का नंगा नांच ,कंही ये हमारी ही कोई कमी तो नही.श्याद हम भूल गए है अपने पूर्वजो के दिए आदर्श. तभी तो खिलौनों की जगह हाँथ में संगीने है.विश्व की शांती के लिए फिर दोहराना होगा अहिंसा का पाठ.
प्रीति

Tuesday, March 3, 2009

kal raat chandnii muskuraaii thii

कल रात चांदनी मुस्कुराई थी,
तारू के बीच से वो मुस्कुराई थी ,
चमका था चेहेरा बिन दांतों वाला , 
जिसने आनायास ही मेरे हृदय को मथ डाला ,
दौड़ कर भर लिया बाहों में उसको ,
लगा समा लूंगी साँसों में उसको ,
झटके से टूटी नींद टूटा वो सपना , 
खो गया वो जो थोडी देर पहले था अपना .


प्यार भरी चोट मेरी छाती पर मार के ,
दबा गया मुझे अनजाने प्यार के भार से , 
आँखे नम है , थकती नहीं उसका इंतज़ार करके , 
जो आयेगा एक दिन सात समुन्दर पार कर के. 

कान सुनेगे कब उसकी मीठी वाणी , 
तोतली भाषा में जब वो बोलेगा नानी,
अनबोली बोली से गीत वो सुनाएगा , 
और मुझे स्वर्ग का आनंद भी दिलाएगा. 

चले आओ राघव नानी रही है बुला ,
आकर मेरे कानो में अमृत की बूँद तो टपका, 
हर पल हर क्षण अब यही नाम याद आता है,
बाक़ी जीवन से अब न कोई नाता है. 

उनकी याद में जो बस गए विदेश में 
प्रीती नानी